1. जब इंदिरा
शाश्त्रीजी के घर (प्रधान मंत्री आवास ) पर पहुची तो कहा कि यह तो चपरासी का घर लग रहा है, इतनी सादगी थी हमारे शास्त्रीजी
में...
2.जब 1965 मे पाकिस्तान से युद्ध हुआ था तो शास ्त्री जी ने
भारतीय सेना का मनोबल
इतना बड़ा
दिया था की भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को गाजर मूली
की तरह काटती चली गयी थी और पाकिस्तान का
बहुत बड़ा हिस्सा जीत लिया था ।
3.जब भारत
पाकिस्तान का युद्ध चल रहा तो अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के ल
िए कहा था
की भारत युद्ध खत्म कर दे नहीं तो अमेरिका भारत को खाने के लिए गेहू देना बंद
कर देगा तो इसके जवाब मे शास्त्री जी
ने कहा की हम स्वाभिमान से भूखे
रहना पसंद करेंगे किसी के सामने भीख मांगने की जगह। और शास्त्री जी देशवासियों से
निवेदन किया की जब तक अनाज की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक सब लोग सोमवार का व्रत रखना चालू कर दे और
खाना कम खाया करे ।
4.जब शास्त्री
जी तस्केंत समझोते के लिए जा रहे थे तो उनकी पत्नी के कहा की अब तो इस पुरानी फटी धोती की जगह नई धोती
खरीद ली जिये तो शास्त्री जी ने कहा इस देश मे
अभी भी ऐसे बहुत से किसान है जो
फटी हुई धोती पहनते है इसलिए मै अच्छे कपडे कैसे पहन सकता हु क्योकि मै उन गरीबो का ही नेता
हूँ अमीरों का नहीं और फिर शास्त्री जी उनकी फटी पुरानी धोती कोअपने हाथ से सिलकर तस्केंत समझोते के लिए गए ।
5. जब
पाकिस्तान से युद्ध चल रहा था तो शास्त्री जी ने देशवासियों से कहा की युद्ध मे
बहुत रूपये खर्च हो सकते है इसलिए सभी लोग अपने फालतू के खर्च कम कर दे और जितना
हो सके सेना को धन राशि देकर सहयोग करें । और खर्च कम करने वाली बात शास्त्री जी
ने उनके खुद के दैनिक जीवन मे भी
उतारी । उन्होने उनके घर के सारे काम करने वाले
नौकरो को
हटा दिया था और वो खुद ही उनके कपड़े धोते थे , और खुद ही उनके घर की साफ सफाई और झाड़ू पोंछा करते
थे ।
6. शास्त्री जी
दिखने मे जरूर छोटे थेपर वो सच मे बहुत बहादुर और स्वाभिमानी थे ।
7. जब शास्त्री
जी की मृत्यु हुई तो कुछ नीच लोगों ने उन पर इल्ज़ाम लगाया की शास्त्री जी
भ्रस्टाचारी थे पर जांच होने के बाद पता चला की शास्त्री जी के बैंक के खाते मे मात्र
365/-
रूपये थे ।
इससे पता चलता है की शास्त्री जी कितने ईमानदार थे ।
8. शास्त्री जी
अभी तक के एक मात्र ऐसे प्रधान मंत्री रहे हैं जिनहोने देश के बजट मे से 25 प्रतिशतसेना के ऊपर खर्च करने का फैसला लिया था । शास्त्री
जी हमेशा कहते थे की देश
का जवान और
देश का किसान देश के सबसे महत्वपूर्ण इंसान हैं इसलिए इन्हे कोई भी तकलीफ नहीं
होना चाहिए और फिर शास्त्री जी ने'जय जवान जय किसान'का नारा दिया ।
9.जब
शास्त्रीजि तस्केंतगए थे तो उन्हे जहर देकर मार दिया गया था और देश मे झूठी खबर
फैला दी गयी
थी की शास्त्री जी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई । और सरकार ने इस बात पर आज तक पर्दा डाल रखा है ।
10 शास्त्री जी
जातिवाद के खिलाफ थे इसलिए उन्होने उनके नाम के आगे श्रीवास्तव लिखना बंद कर दिया था ।
हम धन्य हैं
की हमारी भूमि पर ऐसे स्वाभिमानी और देश भक्त इंसान ने जन्म लिया । यह बहुत गौरव की बात है की
हमे शास्त्री जी जैसे प्रधान मंत्री
मिले।
जय जवान जय
किसान !
शास्त्री जी
ज़िंदाबाद !
वन्दे
मातरम्